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अगर रणबीर ‘तमाशा’ ना करते तो फिल्म नहीं बनाते थे इम्तियाज़ अली

इम्तियाज़ अली के निर्देशन में बनी हुई फिल्मे बहुत ही असर दार होती है और उन फिल्मों में कुछ खास सन्देश छुपा होता है। उनकी फिल्मों की एक खास बात यह होती है की वह एक इंसान की ज़िन्दगी के अँधेरे को बहुत ही ख़ूबसूरती से दर्शाते है। इंसान के व्यक्तित्व के हर रूप से वह लोगो को रूबरू करते है। उन्होंने अपनी फिल्म ‘सोचा ना था’ से बॉलीवुड में कदम रखा। उसके बाद शाहिद कपूर और करीना कपूर के साथ जब वी मेट मूवी बनाई जिसने दर्शकों का दिल जीत लिया। लव आज कल और रॉकस्टार जैसी फिल्मों से उनको फिल्म इंडस्ट्री में एक खास पहचान मिली।

 

उनकी फिल्मों की स्टोरी लाइन जबरस्दत होती है। फिल्म तमशा भी उनकी उन्ही फिल्मों में से एक है जिसमे उन्होंने रणबीर कपूर और दीपिका पादुकोणे को कास्ट किया था। उस फिल्म को पुरे २ साल हो चुके है। फिल्म एक ऐसे इंसान के इर्द गिर्द घूमती नज़र आयी थी जो अपने सपनों से बहुत प्यार करता है। उस इंसान के और उसके सपनो के बिच एक गहरा रिश्ता बताया है। मगर अपने सपनों को जीने के लिए वह किन रास्तों से होकर गुज़रता है। वह कितनी मुश्किलों का सामना करता है।

इम्तियाज़ अली का कहना है अगर रणबीर कपूर ने इस फिल्म के लिया हाँ नहीं बोला होता तो शायद यह फिल्म नहीं बन पाती। जिस तरह से इस फिल्म में रणबीर ने वेद का अभिनय किया है वह किसी और के बस की बात नहीं थी। और वही बात दीपिका पर भी लागू होती है, उन्होंने अपने किरदार को समझा और उसे बखूबी निभाया भी। उस फिल्म में काफी सारे दृश्य है जो इंसान के दिल को छू लेते है। इम्तियाज़ ने उन्ही दृश्य में से एक दृश्य की तारीफ में बताया की उनके नज़दीक सबसे अच्छा दृश्य वह रहा है जब वेद अपने पिता से अंत में अपने सपनों के बारे में बहुत ही अलग अंदाज़ में बयान करता है। इस फिल्म के कुछ दृश्य बहुत ही महत्वपूर्ण है जो स्पष्ट रूप से फिल्म का इरादा व्यक्त करते है। फिल्म को काफी पॉजिटिव रेस्पॉन्स मिला था।

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