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Gold Movie Review : देश भक्ति के जज्बात को जगाने  वाली फिल्म है गोल्ड

इस स्वतंत्रता दिवस  के मौके पर  बॉक्स ऑफिस पर अक्षय कुमार की फिल्म गोल्ड रिलीज हो रही है. फिल्म पहले से अपनी कहानी को लेकर काफी चर्चा मे है. अक्षय कुमार के अलावा मौनी रॉय, कुणाल कपूर, अमित साध जैसे सितारों से सजी फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है. फिल्म में अक्षय भारतीय हॉकी टीम  के मैनेजर के रूप में दिखाई देंगे.

फिल्म में अक्षय उर्फ तपन दास  का एक सपना है कि वो स्वतंत्र भारत के लिए एक टीम बनाना चाहता है, और  इंगलैंड को उनकी ही जमीन पर हराकर भारत का राष्ट्रीय गान गाना चाहते हैं ना कि ब्रिटिश राष्ट्रीय गान को और 200 साल की गुलामी का बदला लेना चाहते हैं. लेकिन उनकी ये जीत आसान नहीं होती. इसके लिए उन्हें कड़ा संघर्ष करना पड़ता है और उनके इस संघर्ष को देखने के लिए आपको स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सिनेमाघरों का रुख करना होगा.

अब बात करें फिल्म के ट्रीटमेंट की तो सबसे पहले फिल्म की कहानी और स्क्रीन प्ले की बात करते हैं, तो ये कहानी बहुत ही अच्छी और मोटिवेशन से भरी हुई है.और स्क्रीन प्ले भी बहुत ही अच्छा है, ये फिल्म कहीं पर भी बोर नही होती है और नही कोई सीन बोझिल लगता  है. वहीँ dialogues की बात करें तो फिल्म के dialogue भी जबरदस्त हैं. कई dialogue आपको ताली बजाने के लिए मजबूर कर देंगे.

अब फिल्म में एक्टिंग की बात करें तो इस फिल्म में शुरू से लेकर तक आखिर तक सिर्फ अक्षय कुमार ही है, उन्होंने बंगाली तपन दास का किरदार बखूबी से निभाया है, ये अक्षय के केरियर की सबसे उम्दा प्रफोमेंस में से एक है. इस किरदार के लिए उन्हें काफी समय तक याद रखा जाएगा.

इसके अलावा इस फिल्म से टीवी एक्ट्रेस मोनी रॉय डेब्यू कर रही है. क्यूंकि वो बंगाली है तो इस फिल्म में भी उन्होंने बंगाली हाउस वाइफ का रोल अदा किया है, बंगाली असेंट उन पर जमता है. और इस फिल्म में वो काफी खुबसुरत लगी है. बाकि स्पोर्टिंग कास्ट की बात करें तो कुनाल कपूर अपने  रोल को बखूबी निभाया है, इसके अलावा अमित साध भी अपनी छाप छोड़ पाते हैं और सरदार के रोल में सनी कौशल ने बहुत ही अच्छा काम किया है. और इस साल मुक्के बाज फिल्म से अपनी पहचान बना चुके विनीत सिंह भी के हिस्से जितने भी सीन आये हैं  वो उन्होंने  बहुत ही बेहतरीन ढंग से निभाया है.

अब फिल्म की मेकिंग की बात करें तो रीमा कागती  का डायरेक्शन शानदार है हालांकि इस फिल्म को वो  चक दे इंडिया और दंगल जैसी फिल्म नही बना पायी और इसकी सबसे बड़ी वजह है की फिल्म  हॉकी पर बेस्ड है मगर कुछ पल्येर को छोड़ कर किसी भी खिलाडी पर फोकस नही किया है, यहाँ तक की इस फिल्म में जो  हॉकी टीम के कप्तान है उनके बारे में कुछ नही बताया गया है. इस फिल्म के कई सीन ऐसे हैं  जो जबरदस्ती ड्रामाटाईज किये हुए हैं जैसे  क्लाइमेक्स में बारिश होना और उसके बाद पूरी टीम बीच खेल में जूते उतार देती है और नंगे पाँव खेलती है. ये सब रियालिटी से दूर है.

इसके अलावा इस फिल्म की एक और कमी है इसका म्यूजिक. इस फिल्म में  एक रोमांटिक गाना ही अच्छा है, जो पहले से ही हिट हुआ है,  बाकी गाने बिलकुल भी अच्छे नही है, दो गाने जिन्हें जो की एक ही तरह से अक्षय कुमार पर फिल्माए गये हैं ये दोनों गाने न तो सुनने में अच्छे लगते हैं और नाही इनकी जरूरत थी बल्कि इन गानों की वजह से कहानी रुक जाती है.

लेकिन फिल्म  की सिनेमेटोग्राफी बहुत ही शानदार है साथ फिल्म का प्रोड्क्शन डिजाइनिंग  भी बहुत अच्छा है, फिल्म के सेट और लोकेशन देख कर लगता है की ये एक पिरीयड फिल्म है.

कुल मिलाकर ये एक मनोरंजक फिल्म है, कुछ छोटी मोटी कमियों को नजर अंदाज कर लें तो ये एक बार देखेने लायक फिल्म है. क्यूंकि ये देश भक्ति से भरी हुई फिल्म है, और  स्वतंत्रता दिवस   के दिन रिलीज हो रही है तो इस फिल्म को देख कर लोगों के अंदर देश भक्ति के जज्बात जरुर बाहर आयेंगे.

रेटिंग  : –  3.5  स्टार

 

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