गà¥à¤°à¥‚दतà¥à¤¤ नें वहीदा रहमान को ऑफर किया था वेशà¥à¤¯à¤¾ का रोल

बॉलीवà¥à¤¡ की पूरà¥à¤µ अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥€ वहीदा रहमान आज अपना 79 जनà¥à¤®à¤¦à¤¿à¤¨ मना रही हैं। वहीदा हिंदी सिनेमा की à¤à¤• जानी मानी और चरà¥à¤šà¤¿à¤¤ अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥€ हैं बचपन से ये à¤à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¸ डॉकà¥à¤Ÿà¤° बनना चाहती थीं लेकिन पैसों की तंगी के चलते वहीदा को फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में काम करना पड़ा । मशहूर फिलà¥à¤®à¤•ार गà¥à¤°à¥‚दतà¥à¤¤ नें वहीदा को अपनी फिलà¥à¤® पà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¾ में à¤à¤• वेशà¥à¤¯à¤¾ के रोल का ऑफर दिया जिसे करने से वहीदा नें साफ इंकार कर दिया लेकिन बाद में वहीदा इस रोल को करने के लिठतैयार हो गईं ।
वहीदा नें सन 1955 में आई तेलà¥à¤—ू फिलà¥à¤® रोजà¥à¤²à¥ मराई के साथ डेबà¥à¤¯à¥‚ किया , इस तेलà¥à¤—ू फिलà¥à¤® में वहीदा नें à¤à¤• डांस परफॉरà¥à¤®à¥‡à¤‚स दी यंही से वहीदा को कमाई का जरिया मिल गया ।
कà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤¿à¤•ल डांस में महारत हासिल कर चà¥à¤•ीं वहीदा की इसी खूबी नें उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ तमिल सिनेमा का राशà¥à¤¤à¤¾ सà¥à¤à¤¾à¤¯à¤¾ जयासिमà¥à¤¹à¤¾, कालम मारी पोछू जैसी तेलà¥à¤—ू, तमिल फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ करने के बाद हैदराबाद में à¤à¤• फिलà¥à¤® समारोह के दौरान हिंदी फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ के मशहूर अà¤à¤¿à¤¨à¥‡à¤¤à¤¾ और फिलà¥à¤®à¤•ार गà¥à¤°à¥‚दतà¥à¤¤ नें वहीदा को देखा और देखते ही उनका नाम पूछा वहीदा नें अपना नाम बताया वहीदा रहमान ।
गà¥à¤°à¥‚दतà¥à¤¤ नें जैसे ही ये नाम सà¥à¤¨à¤¾ तो फौरन वहीदा से पूछा की आपको हिंदी और उरà¥à¤¦à¥‚ आती है? वहीदा नें बिना देर किठकहा हां आती है , गà¥à¤°à¥‚दतà¥à¤¤ नें यहीं पर वहीदा को अपनी अपकमिंग हिंदी फिलà¥à¤® सी आई डी का ऑफर दिया ।साल 1956 में आई सी आई डी के साथ ही वहीदा नें हिंदी सिनेमा में कदम रखा हालाकिं देवानंद सà¥à¤Ÿà¤¾à¤°à¤° इस फिलà¥à¤® में वहीदा का रोल à¤à¤• सपोरà¥à¤Ÿà¤¿à¤‚ग à¤à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤¸ का था लेकिन गà¥à¤°à¥‚दतà¥à¤¤ नें उनके काम को देखा और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वहीदा का काम इतना अचà¥à¤›à¤¾ लगा की फौरन गà¥à¤°à¥‚दतà¥à¤¤ नें वहीदा को अपनी दूसरी हिंदी फिलà¥à¤® पà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¾ का ऑफर दिया, पà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¾ में वहीदा को à¤à¤• वेशà¥à¤¯à¤¾ का किरदार निà¤à¤¾à¤¨à¥‡ का रोल मिला
90 के दशक में à¤à¤• वेशà¥à¤¯à¤¾ का किरदार निà¤à¤¾à¤¨à¤¾ और अंग पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ जैसी बातों की वजह से वहीदा नें इस रोल को करने से साफ मना कर दिया लेकिन बाद में जब गà¥à¤°à¥‚दतà¥à¤¤ साहब नें इस रोल को लेकर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कंनà¥à¤µà¥‡à¤‚स किया तो वाहीदा इसे करने के लिठमान गईं ।
पà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¾ में वहीदा के साथ खà¥à¤¦ गà¥à¤°à¥‚दतà¥à¤¤ नें बतौर लीड à¤à¤•à¥à¤Ÿà¤° काम किया और नबà¥à¤¬à¥‡ के दशक में इस फिलà¥à¤® नें राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ ,अंतराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ सà¥à¤¤à¤° पर खूब सà¥à¤°à¥à¤–ियां बटोरीं । आपको बता दें की गà¥à¤°à¥‚दतà¥à¤¤ और वहीदा की फिलà¥à¤® पà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¤¾ का नाम आज à¤à¥€ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤° की 100 सबसे बेहतरीन फिलà¥à¤®à¥‹à¤‚ में से à¤à¤• में गिना जाता है। तमिलनाडू की चेंगलपटà¥à¤Ÿà¥ में जनà¥à¤®à¥€ वहीदा को बचपन से ही नृतà¥à¤¯ और संगीत का शौक रहा ।
अपने पूरे फिलà¥à¤®à¥€ सफर के दौरान वहीदा नें à¤à¤• से बढ़ कर à¤à¤• बेहतरीन फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ कीं जिनमें तीसरी कसम, साहब बीबी और गà¥à¤²à¤¾à¤®, कागज के फूल, काला बाजार, à¤à¤• फूल चार कांटे,चौधरी का चांद, नील कमल,बात à¤à¤• रात की, कौन अपना कौन पराया, गाइड, खामोशी ,आदमी मनमंदिर जैसी कई फिलà¥à¤®à¥‡à¤‚ शामिल हैं । हिंदी सिनेमा में बेहतरीन योगदान के लिठवहीदा को पदà¥à¤®à¤¶à¥à¤°à¥€, पदà¥à¤® à¤à¥‚षणं जैसे राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ पà¥à¤°à¤·à¥à¤•ारों से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ किया जा चà¥à¤•ा है ।
बॉलीवà¥à¤¡ में सफलता की बà¥à¤²à¤‚दियों पर पहà¥à¤‚चने के बाद वहीदा का नाम गà¥à¤°à¥‚दतà¥à¤¤ के साथ जोड़ा जाने लगा यंहा तक की गà¥à¤°à¥‚दतà¥à¤¤ और उनकी पतà¥à¤¨à¤¿ गीता दतà¥à¤¤ के अलग होने की वजह à¤à¥€ वहीदा को ही माना जाने लगा जिसके बाद वहीदा नें गà¥à¤°à¥‚दतà¥à¤¤ के साथ कà¤à¥€  कोई फिलà¥à¤® न करने का फैसला किया और हमेशा के लिठगà¥à¤°à¥‚दतà¥à¤¤ की जिंदगी से दूर हो गईं ।